
अक्सर ये होता है, की नया कंप्यूटर शुरूआत में तो बहुत तेज़ गति से काम करता है, मगर जैसे जैसे वक़्त बीतता जाता है स्लो पड़ता जाता है| कुछ लोग तो रीफॉर्मेट कर के बार-बार विंडो ही बदला करते हैं| मैंने कुछ स्टुडेंट्स से पूछा की फॉर्मेट क्यों करते हो तो सबका जबाब वही एक जैसा था, "सर ये स्लो बहुत हो गया था तो फॉर्मेट कर डाला|"
जयादातर लोगो का मानना है की फॉर्मेट करने से कंप्यूटर की हार्ड डिस्क पर एर्रोर्स आ जाते हैं| फॉर्मेट करना कोई गलत बात नहीं है| आप जितनी चाहो बार फॉर्मेट कर सकते हैं| इस से आपकी हार्ड डिस्क या रेम पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता| मगर अब सवाल ये उठता है की "क्या कंप्यूटर बार-बार फॉर्मेट ही किया जाये?" नहीं !! हरगिज़ नहीं| ज़रूरत क्या है? फॉर्मेट करने की भाई|

फॉर्मेट करना भी एक कला है| अक्सर नौसिखिये लोग गलतीयाँ करके अपना वक़्त और कीमती डाटा बर्बाद कर डालते हैं| यहाँ मैं आपको कुछ टिप्स बता रहा हूँ| शायद अगली बार से आपको सिस्टम फॉर्मेट ही ना करना पड़े|
(1) कम से कम और सिर्फ काम के सॉफ्टवेर ही कंप्यूटर में लोड करने चाहिए| आलतू-फालतू सॉफ्टवेर से कंप्यूटर की डिस्क और मेमोरी खाम-खा भर जाती है|
(2) सॉफ्टवेर लोड करते वक़्त बहुत सावधानी पूर्वक नेक्स्ट - नेक्स्ट करते जाए| अक्सर ऐसा होता है की किसी अच्छे सॉफ्टवेर के साथ बेकार के टूल भी लोड हो जाते हैं, जिनकी आपको कतई ज़रूरत नहीं होती| उदाहरण के लिए आप अपना इन्टरनेट एक्स्प्लोरर या मोज़िला फायरफोक्स देख लीजिये| अगर टूलबार की बाड़ आई है, तो यह लेख यक़ीनन आपके लिए ही है|
(3) टाइम टू टाइम बेकार के सॉफ्टवेर को अनिस्टाल करना बहुत अच्छा रहता है| इस से कंप्यूटर की स्पीड और परफोर्मेंस में इजाफा होता है| इसके लिए आप कंट्रोल पेनेल में जाकर या फिर Reevo Unistaller सॉफ्टवेर का प्रयोग कर कंप्यूटर से डिलीट मार सकते हैं| Reevo Unistaller डायरेक्ट डाउनलोड करने के लिए http://www.revouninstaller. com/start_freeware_download. html पर जाएँ|
(4) वक़्त के साथ-साथ कंप्यूटर पुराना होता जाता है जबकि लेटेस्ट सॉफ्टवेर जयादा से जयादा मेमोरी की डिमांड करने लगे हैं| फिलहाल 1 GB Ram औसत अथवा 2GB Ram पर्याप्त होती है| जैसी ज़रूरत हो वैसा ही कंप्यूटर सिस्टम होना चाहिए| इसके लिए आप मेरा पिछला पोस्ट नया कंप्यूटर लेते वक़्त 10 ध्यान रखने योग्य बातें देखें|
(5) यदि कंप्यूटर में वाइरस आ जाये तो फिर कंप्यूटर फिर तो कंप्यूटर की बैंड बज ही जाती है| बेहतर यही है की कंप्यूटर में वाईरस लगने ही ना दिया जाए| इसके लिए आप कोई भी अच्छा सा एंटी वाईरस अपने सिस्टम में इंस्टाल कर के रखें| "अपने सिस्टम को वाईरस से कैसे बचाए?" जल्द ही इस टोपिक पर लिखूंगा|
(6) कंप्यूटर में प्रतिदिन हजारों फाइल बनती व नष्ट होती हैं, वैसे तो कंप्यूटर खुद व खुद बेकार की फाइल को डिलीट कर देता है मगर कुछ रह जाती हैं जो कंप्यूटर स्लो कर स्लो कर देती हैं| अत: कचरा फाईलो को साफ़ सफाई कर के कंप्यूटर को फास्ट किया जा सकता है| इसके लिए कंप्यूटर की डिस्क क्लीन-अप यूटीलिटी एक्सेसरी से प्रयोग कर हर महीने साफ़ सफाई करते रहें|
(7) कंप्यूटर में अपने आप या फिर कोई सॉफ्टवेर लोड करने के बाद सिस्टम चेक पॉइंट जिसे सिस्टम रीस्टोर के नाम से भी जाना जाता है अपने आप बनते जाते हैं| सिस्टम रीस्टोर पॉइंट सिस्टम के ख़राब होने की दशा में बहुत कारगर हते हैं| मगर बेकार और पुराने रीस्टोर पॉइंट साफ़ करना ठीक है| इसके लिए आप इसके लिए कंप्यूटर की डिस्क क्लीन-अप यूटीलिटी में देखें|
याद रखें एक रीस्टोर पॉइंट ज़रूरी है जो ज़रूरत पड़ने पर वाकई में काम आए|

(8) मैंने देखा है की कुछ लोग कंप्यूटर में गलती से 1 से ज्यादा एंटी वाईरस लोड कर लिया करते हैं| एंटी वाईरस एक ही है जो ठीक से काम करे| 1 से अधिक एंटी वाईरस कंप्यूटर में लोड बढ़ाते हैं और सिस्टम क्रेश भी कर सकते हैं|
(9 ) कंप्यूटर में फाइल फोल्डर जल्दी जल्दी बनाने और डिलीट करने की वजह से हार्ड डिस्क पर व्हाईट स्पेस बन जाता है जिसे डिस्क फ्राग्मेंट भी कहते हैं| 3 -6 माह के बाद डिस्क डी फ्राग्मेंट करना ज़रूरी होता है| इसके लिए माय कंप्यूटर पर राईट क्लिक कर मेनेज या फिर कण्ट्रोल पेनेल के एडमिनिस्ट्रेटिव टूल्स में से कंप्यूटर मेनेज़मेंट को सेलेक्ट कर डिस्क डी फ्राग्मेंट आप्शन को चुनें| डिस्क डी फ्राग्मेंट करने से कंप्यूटर हार्ड डिस्क का स्पेस अर्रेंज़ आर्डर में रहेगा और स्पीड भी बढेगी|
(10 ) कुछ प्रोग्राम्स कंप्यूटर स्टार्ट करने के साथ ही सेल्फ स्टार्ट हो जाते हैं और कंप्यूटर स्टार्ट होने में ही काफी देर लेता है, लिहाज़ा सिर्फ ऐसे ही प्रोग्राम्स को लोड किया जाना चाहिए जिनकी वाकई ज़रूरत हो| ALT +CTRL +DELETE तीनो कीज़ एक साथ दवाने पर टास्क मैनेज़र आए तो उसमे देखें की कितने प्रोग्राम्स आपके द्वारा चलाये गए और कितने कंप्यूटर के साथ स्वत: ही स्टार्ट हो गए हैं|
ऊपर लिखी बातों के बाद भी आपके कंप्यूटर की स्पीड नहीं बड़ी है तो आप मुझे यहाँ कमेन्ट दे सकते हैं| आपकी समस्या का निवारण किया जायेगा|
धन्यवाद!!
-
इंजिनियर मैक मीर
(निदेशक)
आई टी मैक डोट कोम
प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान
आगरा|

जयादातर लोगो का मानना है की फॉर्मेट करने से कंप्यूटर की हार्ड डिस्क पर एर्रोर्स आ जाते हैं| फॉर्मेट करना कोई गलत बात नहीं है| आप जितनी चाहो बार फॉर्मेट कर सकते हैं| इस से आपकी हार्ड डिस्क या रेम पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता| मगर अब सवाल ये उठता है की "क्या कंप्यूटर बार-बार फॉर्मेट ही किया जाये?" नहीं !! हरगिज़ नहीं| ज़रूरत क्या है? फॉर्मेट करने की भाई|

फॉर्मेट करना भी एक कला है| अक्सर नौसिखिये लोग गलतीयाँ करके अपना वक़्त और कीमती डाटा बर्बाद कर डालते हैं| यहाँ मैं आपको कुछ टिप्स बता रहा हूँ| शायद अगली बार से आपको सिस्टम फॉर्मेट ही ना करना पड़े|
(1) कम से कम और सिर्फ काम के सॉफ्टवेर ही कंप्यूटर में लोड करने चाहिए| आलतू-फालतू सॉफ्टवेर से कंप्यूटर की डिस्क और मेमोरी खाम-खा भर जाती है|
(2) सॉफ्टवेर लोड करते वक़्त बहुत सावधानी पूर्वक नेक्स्ट - नेक्स्ट करते जाए| अक्सर ऐसा होता है की किसी अच्छे सॉफ्टवेर के साथ बेकार के टूल भी लोड हो जाते हैं, जिनकी आपको कतई ज़रूरत नहीं होती| उदाहरण के लिए आप अपना इन्टरनेट एक्स्प्लोरर या मोज़िला फायरफोक्स देख लीजिये| अगर टूलबार की बाड़ आई है, तो यह लेख यक़ीनन आपके लिए ही है|
(3) टाइम टू टाइम बेकार के सॉफ्टवेर को अनिस्टाल करना बहुत अच्छा रहता है| इस से कंप्यूटर की स्पीड और परफोर्मेंस में इजाफा होता है| इसके लिए आप कंट्रोल पेनेल में जाकर या फिर Reevo Unistaller सॉफ्टवेर का प्रयोग कर कंप्यूटर से डिलीट मार सकते हैं| Reevo Unistaller डायरेक्ट डाउनलोड करने के लिए http://www.revouninstaller.
(4) वक़्त के साथ-साथ कंप्यूटर पुराना होता जाता है जबकि लेटेस्ट सॉफ्टवेर जयादा से जयादा मेमोरी की डिमांड करने लगे हैं| फिलहाल 1 GB Ram औसत अथवा 2GB Ram पर्याप्त होती है| जैसी ज़रूरत हो वैसा ही कंप्यूटर सिस्टम होना चाहिए| इसके लिए आप मेरा पिछला पोस्ट नया कंप्यूटर लेते वक़्त 10 ध्यान रखने योग्य बातें देखें|
(5) यदि कंप्यूटर में वाइरस आ जाये तो फिर कंप्यूटर फिर तो कंप्यूटर की बैंड बज ही जाती है| बेहतर यही है की कंप्यूटर में वाईरस लगने ही ना दिया जाए| इसके लिए आप कोई भी अच्छा सा एंटी वाईरस अपने सिस्टम में इंस्टाल कर के रखें| "अपने सिस्टम को वाईरस से कैसे बचाए?" जल्द ही इस टोपिक पर लिखूंगा|
(6) कंप्यूटर में प्रतिदिन हजारों फाइल बनती व नष्ट होती हैं, वैसे तो कंप्यूटर खुद व खुद बेकार की फाइल को डिलीट कर देता है मगर कुछ रह जाती हैं जो कंप्यूटर स्लो कर स्लो कर देती हैं| अत: कचरा फाईलो को साफ़ सफाई कर के कंप्यूटर को फास्ट किया जा सकता है| इसके लिए कंप्यूटर की डिस्क क्लीन-अप यूटीलिटी एक्सेसरी से प्रयोग कर हर महीने साफ़ सफाई करते रहें|
(7) कंप्यूटर में अपने आप या फिर कोई सॉफ्टवेर लोड करने के बाद सिस्टम चेक पॉइंट जिसे सिस्टम रीस्टोर के नाम से भी जाना जाता है अपने आप बनते जाते हैं| सिस्टम रीस्टोर पॉइंट सिस्टम के ख़राब होने की दशा में बहुत कारगर हते हैं| मगर बेकार और पुराने रीस्टोर पॉइंट साफ़ करना ठीक है| इसके लिए आप इसके लिए कंप्यूटर की डिस्क क्लीन-अप यूटीलिटी में देखें|
याद रखें एक रीस्टोर पॉइंट ज़रूरी है जो ज़रूरत पड़ने पर वाकई में काम आए|

(8) मैंने देखा है की कुछ लोग कंप्यूटर में गलती से 1 से ज्यादा एंटी वाईरस लोड कर लिया करते हैं| एंटी वाईरस एक ही है जो ठीक से काम करे| 1 से अधिक एंटी वाईरस कंप्यूटर में लोड बढ़ाते हैं और सिस्टम क्रेश भी कर सकते हैं|
(9 ) कंप्यूटर में फाइल फोल्डर जल्दी जल्दी बनाने और डिलीट करने की वजह से हार्ड डिस्क पर व्हाईट स्पेस बन जाता है जिसे डिस्क फ्राग्मेंट भी कहते हैं| 3 -6 माह के बाद डिस्क डी फ्राग्मेंट करना ज़रूरी होता है| इसके लिए माय कंप्यूटर पर राईट क्लिक कर मेनेज या फिर कण्ट्रोल पेनेल के एडमिनिस्ट्रेटिव टूल्स में से कंप्यूटर मेनेज़मेंट को सेलेक्ट कर डिस्क डी फ्राग्मेंट आप्शन को चुनें| डिस्क डी फ्राग्मेंट करने से कंप्यूटर हार्ड डिस्क का स्पेस अर्रेंज़ आर्डर में रहेगा और स्पीड भी बढेगी|
(10 ) कुछ प्रोग्राम्स कंप्यूटर स्टार्ट करने के साथ ही सेल्फ स्टार्ट हो जाते हैं और कंप्यूटर स्टार्ट होने में ही काफी देर लेता है, लिहाज़ा सिर्फ ऐसे ही प्रोग्राम्स को लोड किया जाना चाहिए जिनकी वाकई ज़रूरत हो| ALT +CTRL +DELETE तीनो कीज़ एक साथ दवाने पर टास्क मैनेज़र आए तो उसमे देखें की कितने प्रोग्राम्स आपके द्वारा चलाये गए और कितने कंप्यूटर के साथ स्वत: ही स्टार्ट हो गए हैं|
ऊपर लिखी बातों के बाद भी आपके कंप्यूटर की स्पीड नहीं बड़ी है तो आप मुझे यहाँ कमेन्ट दे सकते हैं| आपकी समस्या का निवारण किया जायेगा|
धन्यवाद!!
-
इंजिनियर मैक मीर
(निदेशक)
आई टी मैक डोट कोम
प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान
आगरा|

This is awesome sir... really super liked
ReplyDeletekya baat guru ji...mast post hai ye...
ReplyDeletemeri suchnaye jyada ho gyi h ese pdne ke baad..
sir kuch MCITP ke bare me bhi daliye
Ashu konsa wala mcipt.. Microsoft wala certified professional ki keh rahe ho kya?
ReplyDeleteok sir just awesome
ReplyDeleteVery Useful Information!! Thanks!!
ReplyDeleteALT +CTRL +DELETE तीनो कीज़ एक साथ दवाने पर टास्क मैनेज़र आए तो उसमे देखें की कितने प्रोग्राम्स आपके द्वारा चलाये गए और कितने कंप्यूटर के साथ स्वत: ही स्टार्ट हो गए हैं| application me ya prosseser me?
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