Monday, December 26, 2011

फेसबुक HTTP v /s HTTPS

किसी भी वेबसाइट में डाटा सर्वर कंप्यूटर से यूसर के कंप्यूटर में प्रोटोकॉल्स के माध्यम से पहुँचता है| यह प्रोटोकॉल्स HTTP या HTTPS कुछ भी हो सकता है| फेसबुक में आप इसे अपने मुताबिक आसानी से सेट कर सकते हैं| आइये पहले समझा जाए की ये होते क्या हैं -

HTTP : हायपर टेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल| जब आप नोर्मल फेसबुक प्रयोग कर रहे होते हैं तो वेब एड्रेस में डाटा ट्रान्सफर इसी प्रोटोकॉल के माध्यम से होता है| इसका पोर्ट नंबर 80 होता है|
लाभ : इसमें डाटा बहुत ही तेज़ गति से सर्वर - क्लाएंट के बीच स्थापित होता है|
हानि : चूंकि इसमें सिक्यूरिटी की लेयर नहीं होती तो भूल चूक होने पर अकाउंट हैक होने की संभावना 90 % होती है| हैकर HTTP को आसानी से हैक कर लेते हैं|


HTTPS : हायपर टेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल सीक्योर| जब आप फेसबुक में सीक्योर वेब ब्राउसिंग प्रयोग कर रहे होते हैं तो वेब एड्रेस में डाटा ट्रान्सफर इसी प्रोटोकॉल के माध्यम से होता है| इसका पोर्ट नंबर 443 होता है|
लाभ: इसमें सिक्यूरिटी के लिए एक्स्ट्रा लेयर होती है और वेब ब्राउसिंग की एक्टिविटी कंप्यूटर में सेव नहीं हो पाती| हैकर के लिए लेयर को तोड़ पाना बहुत ही मुश्किल काम होता है|
हानि
: इसमें डाटा HTTP के मुकाबले धीमी गति से सर्वर-क्लाएंट बीच के स्थापित होता है| कभी-कभी तो फेसबुक की चैट रिफ्रेश करने पर ही रिप्लाई प्राप्त होता है| पेज लोडिंग में भी ज्यादा समय लगता है|

फेसबुक के HTTP या HTTPS इस प्रकार सेट किये जा सकते हैं
नोट: फेसबुक से सम्भंधित किसी भी समस्या या सुझाव के लिए आप मुझे ईमेल या कमेन्ट के माद्यम से संपर्क कर सकते हैं| मेरा ईमेल है makmeer@gmail.com

धन्यवाद!!

इंजिनियर मैक मीर
(निदेशक)
आई टी मैक डोट कोम
प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान
आगरा|

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